BAGAHA: बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल-2 के कक्ष संख्या एम-26 से वन विभाग की टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार जख्मी गैंडे शावक का सफल रेस्क्यू धनैया रेता से कर लिया है. राइनो रेस्क्यू ऑपरेशन में वाल्मीकिनगर, मदनपुर और हरनाटांड के वनपाल समेत वनरक्षी के अलावा वन प्रमंडल-2 के कई अधिकारी शामिल रहे. इसका नेतृत्व डीएफओ गौरव ओझा ने किया.
करीब एक सप्ताह पूर्व वनकर्मियों को नियमित पेट्रोलिंग के क्रम में मेहमान गैंडा शावक के जख्मी होने का अहसास हुआ था. वन कर्मियों के माध्यम से तत्काल इसकी सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दी गई. इस गंभीर मामले को देखते हुए खुद डीएफओ गौरव ओझा ने गैंडा शावक के रेस्क्यू और इलाज के मद्देनजर टीम गठित कर गुरुवार को उसका सफल रेस्क्यू कर लिया.
गैंडा शावक के गले पर तार से गहरे जख्म के निशान पाए गए हैं. इस जख्म को देख वन अधिकारियों ने कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि किसानों के माध्यम से खेतों में लगे फसलों की सुरक्षा के लिए तार की बाड़ लगायी गई होगी. जिसमें फंसने से शावक जख्मी हो गया होगा. वैसे वन अपराधियों के एंगल पर भी अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं.