पटना डेस्क। कोरोना की महामारी से बचाव के लिए जारी टीकाकरण मुहिम में बिहार फिसड्डी साबित हो रहा है। सबूत सामने है। बीते 1 मई से 13 जुलाई के बीच देशभर में वैक्सीन के कुल 2.49 लाख डोज बर्बाद हुए हैं। इनमें अकेले बिहार में ही 50 प्रतिशत से अधिक 1.26 लाख वैक्सीन बर्बाद हुए हैं। यानी बैक्सीन को बर्बाद करने के मामले में बिहार अव्वल नंबर पर है। यह खुलासा लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने किया है। बिहार (1 लाख 26 हजार 243 डोज) के बाद दूसरे नंबर पर जम्मू- कश्मीर में 32 हजार 680, तेलंगाना में 27 हजार 552, दिल्ली में 19 हजार 989, पुड्डुचेरी में 13 हजार 613, त्रिपुरा में 13 हजार 202, मणिपुर में 12 हजार 346 और मेघालय में 3 हजार 518 वैक्सीन के डोज बर्बाद हुए हैं।
कांग्रेस शासित 2 प्रदेश टॉपर, भाजपा शासित एमपी में भी एक डोज भी नहीं हुआ बर्बाद
वैक्सीनेशन के मामले में कांग्रेस शासित 2 राज्य टॉपर जबकि बीजेपी व उसके सहयोगियों की 5 राज्यों की सरकार फिसड्डी रही। दरअसल वैक्सीन को लेकर लोक सभा में दिए गए केंद्र सरकार के बयान पर गौर करें तो यही अजीबोगरीब व रोचक सच्चाई सामने आती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ (दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार) में वैक्सीन का एक भी डोज बर्बाद नहीं हुआ। साथ ही भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भी वैक्सीन के एक भी डोज की बर्बादी नहीं हुई है।
32.64 करोड़ लोगों को मिली वैक्सीन की एक डोज
लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि देश में बीते 20 जुलाई तक 32.64 करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज मिल चुकी थी। इस साल के अंत यानी 31 दिसंबर तक वैक्सीन लेने के योग्य 18 प्लस उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक दे दी जाएगी।