पटना डेस्क। जवान हों या अफसर। अब वर्दी को लेकर कोताही या ढीला-ढाला रवैया भारी पड़ेगा। सीधे अनुशासनिक कार्रवाई होगी।… इसको लेकर बाकायदा गुरुवार को डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने राज्य के सभी डीजी, एडीजी, ईजी. डीआईजी से लेकर जिलों के एसपी तक को विशेष दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि ड्यूटी के दौरान बिहार पुलिस के सभी कर्मी (जवान से अफसर तक) प्रावधानों व मानकों के अनुसार वर्दी पहनना सुनिश्चित करें। वर्दी साफ-सुथरी व सही स्थिति में होनी चाहिए। जिन कार्यालयों में वर्दी पहनने की आवश्यकता नहीं है, वहां भी कार्यालय के अनुरुप मर्यादित परिधान होने चाहिए। साथ ही डीजीपी ने आला पुलिस अफसरों से समय-समय पर थाना, पुलिस लाइन व अन्य ऑफिसों का दौरा करके वर्दी के संबंध में ओचक निरीक्षण करने को कहा है। इस दौरान मापदंडों या प्रावधानों के अनुसार वर्दी धारण नहीं करने वाले अफसर व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
वर्दी ठीक नहीं रहने पर होती है पुलिस की छवि धूमिल – डीजीपी
बकौल डीजीपी संजीव कुमार सिंघल “अमूमन जवान या अफसर वर्दी के प्रति गंभीर नजर आते हैं। हालांकि कई बार देखा जा रहा है कि ड्यूटी के समय जवान या अफसर वर्दी के बदले अन्य कपड़ों में नजर आते हैं। कई बार वर्दी पहनने का तरीका या या उनका रख-रखाव भी निर्धारित मापदंडों के अनुसार नहीं होता है। इस कारण वर्दी के प्रति असम्मान का भाव प्रदर्शित होता है। साथ ही ठीक तरीके से वर्दी नहीं पहनने पर लोगों के बीच भी पुलिस की छवि धूमिल होती है। बेहतर पुलिसिंग में वर्दी के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा पुलिस बल के सभी श्रेणी के कर्मी व फसरों को वर्दी व परिधान भत्ता दिए जाते हैं।“
मान-सम्मान व गौरव का प्रतीक है वर्दी, बेहतर पुलिसिंग में अहम आयाम
बेहतर पुलिसिंग में वर्दी एक अहम आयाम की तरह काम करता है। दरअसल पुलिस सेवा की विशिष्टता का एक महत्वपूर्ण आयाम उनका अलग परिधान यानी वर्दी है। पुलिस सेवा से जुड़े कर्मियों को वर्दी विशेष पहचान देता है। साथ ही यह संपूर्ण सेवा के मान-सम्मान और गौरव का प्रतीक है। बिहार पुलिस मुख्यालय का यब भी मानना है कि साफ-सुथरी व समुचित तरीके से पहनी गई वर्दी में पुलिसकर्मी लोगों को बीच सकारात्मक छवि प्रस्तुत करते हैं। यह अनुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है। बिहार पुलिस मैनुअल के अध्याय 33 में वर्दी व परिधान के संबंध में विस्तृत रुप से उल्लेख किया गया है। साथ ही कई अनुषांगिक आदेशों के द्वारा भी वर्दी के रख-रखाव व सही ढंग से धारण करने को लेकर दिशा-निर्देश निर्गत किए गए हैं।