पटना डेस्क। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में बिहार की भी बल्ले-बल्ले रही। तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए बुधवार की शाम जेडीयू कोटे से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद आर.सी.पी. सिंह ने राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय मंत्री के रुप में पद की शपथ ली। करीब 17 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जेडीयू केंद्रीय मंत्रिमडल में शामिल हुआ है। आखिरी बार नीतीश कुमार ही केंद्रीय मंत्री बने थे। नए मंत्री 62 वर्षीय आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री के करीबी हैं। वे मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के ही मूल निवासी हैं। वे पहले आईएएस अफसर फिर सियासी साथी की भूमिका में नीतीश के साथ रहे हैं। नीतीश का विश्वासी व नजदीकी होने का फायदा उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में भी मिला था।
यूपी कैडर के आईएएस अफसर थे आरसीपी सिंह
आर.सी.पी. सिंह का पूरा नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह है। यूपी कैडर के आईएएस अफसर रहे आरसीपी सिंह वर्ष 1996 में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के पी.एस. (निजी सचिव) थे। उसी समय वे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने नीतीश कुमार के संपर्क में आए थे। फिर वर्ष 1998 में नीतीश कुमार ने रेल मंत्रालय का जिम्मा संभालते ही आरसीपी सिंह को अपना विशेष सचिव बनाया था। उसके बाद वे लगातार नीतीश कुमार के साथ रहे। बाद में नीतीश के बिहार का मुख्यमंत्री बनने पर वे सीएम के प्रधान सचिव के रूप में भी काम करते रहे। वर्ष 2010 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से वोलंटरी रिटायरमेंट ले ली थी। इसके बाद उन्हें जेडीयू से बतौर सांसद राज्य सभा में भेजा गया था।
जेएनयू, आईएएस के बाद राजनीतिक सफर
आरसीपी सिंह का जन्म नालंदा जिले के मुस्तफापुर में 6 जुलाई 1958 में हुआ था। नालंदा जिले के हुसैनपुर से हाईस्कूल की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। फिर वे उच्च शिक्षा के लिए देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) चले गए। बाद में वर्ष 1982 में उनकी शादी गिरिजा देवी से हुई। इसके दो साल बाद 1984 में यूपीएससी की प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता मिलने के बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। अब वे प्रशासनिक जीवन के बाद राजनीतिक डगर पर सफलता की नई कहानी गढ़ रहे हैं।